रायपुर 17 जून 2018।शिक्षाकर्मियों के बहुप्रतीक्षित संविलियन की मांग कल पूरी होने वाली है 22 साल से संविलियन के लिए संघर्षरत शिक्षाकर्मियों को अब सम्मानजनक नाम एवं वेतनमान के लाभ मिलने वाले हैं। मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर शिक्षाकर्मियों के संविलियन एवं अन्य मांगों के लिए बनाई गई समिति ने पहले ही अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री जी को सौंप दिए हैं । अब माना जा रहा है कि कल के कैबिनेट बैठक के बाद 1 जुलाई 2018 से प्रदेश में अब कोई शिक्षाकर्मी नाम का पद ही नहीं रह जाएगा और सभी शासकीय शिक्षक हो जाएंगे शिक्षा विभाग के सूत्रों से जानकारी मिली है कि सभी शिक्षाकर्मियों को शिक्षा विभाग में संविलियन कर दिया जाएगा। हालांकि सभी शिक्षाकर्मियों को सातवें वेतन का लाभ मिल पाएगा या सातवें वेतनमान के लिए कोई वर्ष बंधन की सीमा बना दी जाएगी इस विषय मैं अभी कोई स्पष्ट जानकारी प्राप्त नहीं है। अभी तक सहायक शिक्षक शिक्षक एवं व्याख्याता के पद डाईंग कैडर घोषित किए गए थे। अब इन डाईंग कैडर को पुनर्जीवित कर शिक्षाकर्मियों के संविलियन करने की तैयारी है और अब शिक्षाकर्मी का पद ही डाइंग कैडर हो जाएगा ।भविष्य में शिक्षा विभाग में ही शिक्षकों के पद भरने की प्रक्रिया आगे होने की जानकारी आ रही है।
🔴क्रमोन्नति का लाभ मिल सकता है🔴
🔴 नियुक्ति तिथि से 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ मिल सकता है।लेकिन पूर्व के आर्थिकलाभ मिलने में संदेह है।
🔴 प्राचार्य और प्रधान पाठक के पद पर ही पदोन्नति का प्रावधान किया जा सकता है।
🔴 अनुकंपा नियुक्ति एवं स्थानांतरण नीति में भी कुछ रियायत है सरकार की ओर से दिया जा सकता है।
प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने अपेक्षा ब्यक्त की है “समतुल्य वेतन निर्धारण की विसंगति दूर करते हुए समानुपातिक, कर्मोनन्ति के आधार पर छठवे ( समतुल्य/ पुनरीक्षित) वेतनमान का निर्धारण कर विद्यमान वेतन पर सातवे वेतनमान के निर्धारण का लाभ देते हुए 08 वर्ष का बंधन समाप्त कर ब्याख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षक के पद पर ही संविलियन का केबिनेट में प्रस्ताव किया जाएगा।”