12 दिन बाद भी नहीं हुआ जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश का पालन….BEO कार्यालय में पदस्थ शिक्षकों को कार्यमुक्त करने का मामला

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सक्ती/जांजगीर चाम्पा- कहने के लिए तो सक्ती को शैक्षणिक जिले का दर्जा प्राप्त है और यहां जिला शिक्षा अधिकारी की नियुक्ति के साथ-साथ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय संचालित हो रहा है लेकिन कई बार देखा गया है कि जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देशों का पालन नीचे स्तर के अधिकारी नहीं करते ऐसा ही एक मामला पुनः सक्ती में देखने को मिल रहा है ज्ञात हो कि विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 2 शिक्षकों को कार्यमुक्त करने एवं उन्हें उनके मूल विद्यालय में पदस्थापना के लिए विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ एबीईओ ने कलेक्टर जांजगीर चांपा को पत्र लिखा था, जिस पर कलेक्टर ने तत्परता दिखाते हुए जिला शिक्षा अधिकारी सक्ती को इस संबंध में कार्यवाही कर अवगत कराने संबंधी पत्र दे तो दिया लेकिन इसका पालन इस कारण नहीं हो सका क्योंकि जिला शिक्षा अधिकारी सक्ती ने कलेक्टर के पत्र का हवाला देते हुए विकास खंड शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर निर्देशित किया था कि उन 2 शिक्षकों को कार्यमुक्त कर उनके मूल विद्यालय में पदस्थापना कराएं लेकिन विकास खंड शिक्षा अधिकारी सक्ती ने इसे जरूरी नहीं मानते हुए संबंधित पत्र पर ध्यान नहीं दिया एवं 12 दिवस की अवधि बीत जाने के बाद भी उन 2 शिक्षकों को उनके मूल विद्यालय में पदस्थापना नहीं कराई गई है और न ही उन्हें यहां से कार्यमुक्त किया गया है। जहां एक ओर जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश का पालन नहीं होने पर शिक्षा विभाग के अंतर्गत तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त है वहीं इसे लेकर अब राजनीति भी गरमा गई है कुछ लोगों ने शिक्षकों को विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से कार्य मुक्त करा कर उनके मूल विद्यालय में पदस्थापना के लिए दबाव बना रहे हैं वहीं विकास खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा इस पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने से विवाद की स्थिति बन गई है।

*कई स्कूलों में 2 शिक्षकों से ही चल रहा है कार्य..*
सक्ती विकासखंड अंतर्गत आने वाले शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में वैसे तो समस्याओं का अंबार है यहां जिस उद्देश्य से स्कूल की स्थापना की गई है उसकी पूर्ति होती दिखाई नहीं दे रही है। ज्ञात हो कि सक्ती विकासखंड अंतर्गत ऐसे 8 पूर्व माध्यमिक विद्यालय हैं जहां 2-2 शिक्षकों से ही कार्य चलाया जा रहा है जहां वर्तमान समय की व्यवस्था के कारण एक शिक्षक को स्कूल विभाग की कार्यवाही निपटाने में ही समय बीत जाता है वही एक शिक्षक के भरोसे शिक्षक के कार्य को पूर्ण किया जाता है। ऐसे में जिन विद्यालयों में दो शिक्षकों की भर्ती है वहां शिक्षकों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है ऐसे स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है ज्ञात हो कि सक्ती विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत पासीद, नन्दौर खुर्द, नन्दौर कला, सेंदरी, रैनखोल एवं बोकरमुड़ा में दो शिक्षक ही वर्तमान में पदस्थ हैं। इन ग्राम पंचायतों के सरपंच पंच सहित नागरिकों ने हमेशा यह मांग रखी है कि पूर्व माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की व्यवस्था की जाए लेकिन शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था के कारण यहां अन्य शिक्षकों की पदस्थापना नहीं हो पा रही है।
बीईओ कार्यालय में पदस्थ शिक्षकों ने भी लगाया है कार्यमुक्त करने का आवेदन
सूत्र बताते हैं कि सक्ती विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत चौराबरपाली में पदस्थ उच्च वर्ग शिक्षक बृजेश श्रीवास्तव एवं ग्राम पंचायत बोकरामुड़ा में पदस्थ शांति लाल यादव जो वर्तमान में बीईओ कार्यालय में कार्यरत हैं इन्होंने भी आवेदन लगाया है कि उन्हें कार्यमुक्त कर उनके मूल विद्यालय में पद स्थापना कराई जाए। इसके बाद भी विकास खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा उन्हें कार्यमुक्त नहीं करने का कारण सभी के समझ से परे है।

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