छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ ने किया पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग…प्रदेश महामंत्री रंजय सिंह ने नए पेंशन योजना के स्थान पर पुराने पेंशन योजना का लाभ देने की मांग की

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सूरजपुर : छत्तीसगढ मे भी अब पुरानी पेंशन बहाली की मांग सभी कर्मचारी संवर्गो की ओर से उठने लगी है , सेवानिवृत्ति के बाद अपने सुरक्षित भविष्य को लेकर देश भर में चलाये जा रहे अभियान के तहत छत्तीसगढ़ में भी पुरानी पेंशन बहाली की मांग तेज होने जा रही है छ. ग.पं.न.नि.शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री रंजय सिंह ने बताया कि प्रदेश में शिक्षा कर्मी , शिक्षा गारंटी गुरुजी की नियुक्ति 1995 – 96 में आरम्भ हुई एवं बाद में संविदा शिक्षक के रूप में नियुक्ति हुई जब ये भर्तियां हुई पुरानी पेंशन सुबिधा बहाल था , 2005 में शिक्षा गारन्टी गुरुजी एवं संविदा शिक्षक का संविलियन शिक्षा कर्मी के पद में करते हुये नई भर्ती से रिक्तपद भरे गए वर्तमान में प्रदेश में लगभग 1 लाख 80 हजार शिक्षक पंचायत व एल बी संवर्ग के रूप में कार्यरत्त है ।
रंजय सिंह ने शिक्षको के साथ प्रदेश भर के CPS योजना अंतर्गत कार्यरत अन्य सभी विभाग के कर्मचारियो को पुरानी पेंशन का लाभ दिलाने के लिए हर स्तर पर संगठित होकर परिणाम मूलक कार्य के लिए व्यापक रणनीति के साथ कार्य करने की बात कही है तत्संबंध मे राजधानी रायपुर मे बैठक भी हुई है, जिसमे संघ के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। नई पेंशन योजना में कई तरह की खामियां हैं पहले शेयर बाजार में पेंशन फंड का पैसा नहीं लगाया जाता था अब नयी योजना के तहत अंशदायी पेंशन योजना को शेयर मार्केट के साथ जोड़ दिया गया है शेयर मार्केट में अगर गिरावट आई तो कर्मचारियों को नुकसान होना शुरू हो जाएगा। इसमें सुरक्षा का भी कोई प्रावधान नहीं है।साथ ही फण्डमैनेजर की नियुक्ति सहित अन्य खर्चे भी कर्मचारियों के हिस्से से ही जाएगा , कर्मचारी अपनी पूरी ऊर्जा सेवा अवधि में कार्य पर लगाता है सेवानिवृत्त होने के बाद स्वास्थ्य एवं अपनी घरेलू खर्च हेतु अत्यधिक राशि की निरन्तर जरूरत पड़ती है जो इस योजना में नही है इस हेतु पुरानी पेंशन बहाली की मांग अब ब्लाक व जिला स्तर पर भी सभी कर्मचारी संवर्गो से उठने लगी है शिक्षक संघ सभी कर्मचारी संगठनों के साथ मिलकर पुरानी पेंशन योजना की व्यवस्था बहाल करने की मांग करेगा ।

*नये और पुराने पेंशन योजना में है यह अंतर–*

1 – पुरानी पेंशन पाने वालों के लिए GPF सुविधा उपलब्ध है जबकि नयी पेंशन योजना में GPF सुविधा नहीं है ।

2 – पुरानी पेंशन के लिए वेतन से होती है जब चाहो जितनी जमा करेा जब चाहो जितनी निकालो जबकि नयी पेंशन योजना में वेतन से प्रति माह 10%की कटौती निर्धारित है और निकालने का सेवानिवृत्ति उपरांत ही ।

3 – पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेन्ट के समय एक निश्चित पेंशन( अन्तिम वेतन का 50%) की गारेण्टी है जबकि नयी पेंशन योजना में पेंशन कितनी मिलेगी यह निश्चित नहीं है यह पूरी तरह शेयर मार्केट व बीमा कम्पनी पर निर्भर है ।

4 – पुरानी पेंशन सरकार देती है जबकि नयी पेंशन बीमा कम्पनी देगी । यदि कोई समस्या आती है तो हमे सरकार से नहीं बल्कि बीमा कम्पनी से लडना पडेगा ।

5 – पुरानी पेंशन पाने वालों के लिए रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी( अन्तिम वेतन के अनुसार 16.5 माह का वेतन) मिलता है जबकि नयी पेंशन वालों के लिये ग्रेच्युटी की कोई व्यवस्था नहीं है ।

6 – पुरानी पेंशन वालों को सेवाकाल में मृत्यु पर डेथ ग्रेच्युटी मिलती है जो 7पे कमीशन ने 10लाख से बढाकर 20लाख कर दिया है जबकि नयी पेंशन वालों के लिए डेथ ग्रेच्युटी की सुविधा समाप्त कर दी गयी है ।

7 – पुरानी पेंशन में आने वाले लोंगों को सेवाकाल में मृत्यु होने पर उनके परिवार को पारिवारिक पेंशन मिलती है जबकि नयी पेंशन योजना में पारिवारिक पेंशन को समाप्त कर दिया गया है ।

8 – पुरानी पेंशन पाने वालों को हर छ: माह बाद महँगाई तथा वेतन आयोगों का लाभ भी मिलता है जबकि नयीपेंशन में फिक्स पेंशन मिलेगी महँगाई या वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा यह हमारे समझ से सबसे बडी हानि है ।

9 – पुरानी पेंशन योजना वालों के लिए जी0 पी0 एफ0 से आसानी से लोन लेने की सुविधा है जबकि नयी पेंशन योजना में लोन की कोई सुविधा नही है( विशेष परिस्थिति में कठिन प्रक्रिया है केवल तीन बार वह भी रिफण्डेबल) ।

10 – पुरानी पेंशन योजना में जी0 पी0 एफ0 निकासी( रिटायरमेंट के समय) पर कोई आयकर नहीं देना पडता है जबकि नयी पेंशन योजना में जब रिटायरमेंट पर जो जो अंशदान का 60%वापस मिलेगा उसपर आयकर लगेगा

11- जी 0पी0एफ0पर ब्याज दर निश्चित है जबकि एन0 पी0 एस0 पूरी तरह शेयर पर आधारित है।

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