प्राथमिक स्कूलों में उत्सव के रूप में मनाया जाएगा वाचन अभियान : डॉ. आलोक शुक्ला

0
642

प्राथमिक स्कूलों में उत्सव के रूप में मनाया जाएगा वाचन अभियान : डॉ. आलोक शुक्ला
पठन कौशल प्रतियोगिता में सभी बच्चों के ठीक से पढ़ने पर जीतेगा स्कूल
अभियान की राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग एप्प और वेब पोर्टल द्वारा दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला

रायपुर, 7 मार्च 2020।पठन कौशल प्रतियोगिता का आयोजन अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में राज्य के सभी संकुल, विकासखण्ड, जिला और राज्य स्तर पर किया जाएगा। पठन सामग्री की जानकारी पोर्टल के द्वारा दी जाएगी। इसमें मुस्कान पुस्तकालय से उपलब्ध पुस्तकों के अलावा शिक्षकों द्वारा बनायी गई गतिविधियां, टीचर लर्निंग मटेरियल और पठन सामग्री का उपयोग किया जाएगा। अप्रैल माह में सभी बच्चों की शाला में उपस्थिति के लिए समुदाय से सहभागिता लेते हुए शिक्षक इस अभियान को सफल बनाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने इस संबंध में विकासखण्ड के नोडल अधिकारियों के दो दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए अभियान के संबंध में तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी और कहा कि इस अभियान को उत्सव के रूप में मनाया जाए।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने राज्य के सभी संकुल समन्वयकों को 11 मार्च तक अपने-अपने संकुल क्षेत्र के सभी स्कूलों में उपलब्ध पुस्तकों को दो भागों में वर्गीकृत करने कहा। जिसमें पहले भाग में कक्षा पहली और दूसरी तथा दूसरे भाग में कक्षा तीसरी से पांचवीं तक की पुस्तकों की सूची बनाकर वेबसाईट में अपलोड करने के निर्देश दिए।
डॉ. शुक्ला ने कहा कि अभियान का मुख्य उद्देश्य शत-प्रतिशत बच्चों में पठन कौशल का विकास करना है। अभियान को सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक सामुदायिक सहभागिता लेनी है। इसमें जन प्रतिनिधियों को भी अभियान से जोड़ना है। अभियान में विशेष रूप से माताओं को जोड़ना है और उनका उन्नमुखीकरण करते हुए उन्हें ही शालाओं में बच्चों के पठन कौशल के विकास के लिए कार्ययोजना बनाने में अहम भूमिका निभानी है। अंतिम परिक्षण और पठन प्रतियोगिता में बच्चों की माताएं ही निर्णायक रहेंगी।
डॉ.शुक्ला ने कहा कि अभियान की राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग मोबाइल एप्प और वेब पोर्टल द्वारा की जाएगी। इसकी जानकारी तकनीकी प्रशिक्षण में दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी शालाओं, संकुल समन्वयकों और विकासखण्ड कार्यालयों को अभियान से संबंधित गतिविधियों की फोटो और वीडियो पोर्टल में अपलोड करना है।
प्रशिक्षण में पठन अभियान के बारे में जानकारी प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन, लर्नर एस प्रोड्यूसर, पठन अभियान का आंगनबाड़ी से जुड़ाव, इंटरनेट वेबसाईट का उपयोग और कांन्फ्रेंस कॉल का उपयोग, वाचन अभियान में महिलाओं की भूमिका और गतिविधि, पठन अभियान में समुदाय की भूमिका एवं एसएमसी एसडीपी फ्रेमवर्क फॉर रीडिंग, शिक्षा का अधिकार आदि के संबंध में चर्चा की गई।
प्रशिक्षण में बताया कि पठन अभियान में सुचारू संचालन के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एक वेबसाईट बनाया गया है, जिसमें सभी शिक्षक विभिन्न प्रकार की रोचक गतिविधियां पठन विकास के लिए सहायक सामग्री और बच्चों को पढ़ने के लिए पैराग्राफ या कहानी आदि अपलोड कर सकते हैं। इसका उपयोग शिक्षक अपनी कक्षा में करते हुए बच्चोें के पठन कौशल को सुधार सकते हैं। अभियान की खासियत यह होगी कि इसमें शिक्षकों को कुछ अधिकारियों के लिए जवाब देही नही होगी बल्कि गांव की माताओं या महिलाओं के प्रति वे जवाबदेह होंगे। बच्चों की पढ़ाई से माताएं संतुष्ट हो जाए तो इसका मतलब होगा कि शिक्षक अच्छा काम कर रहे हैं। अभियान में महिलाओं को निर्णायक की भूमिका दी गई है और उनको निर्णय लेने के अधिकार दिए गए हैं कि बच्चों को सच में पढ़ना आया है कि नही।
आमतौर पर यह देखा जाता है कि किसी भी कक्षा में कुछ गीने चुने बच्चे ही जवाब देते हैं, बाकी बच्चे शांत रहते हैं। अभियान में इस बात पर जोर दिया गया है कि या तो एक स्कूल जीतेगा या वह पीछे होगा बीच का मामला नही है। स्कूल के जीतने का मतलब है कि इस स्कूल के सभी बच्चों को पढ़ना ठीक से आ गया, यदि एक भी बच्चा ठीक से नही पढ़ पा रहा है तो इसका मतलब यह हुआ कि वह जीत नही पाया। जीतने के लिए जरूरी है कि स्कूल के सभी बच्चों को अच्छे से पढ़ना आना चाहिए।
डॉ.शुक्ला ने प्रशिक्षण में उपस्थित प्रतिभागियों से इस अभियान के लिए कोई अच्छा सा स्थाई नाम और सफलतापूर्वक चलाने के लिए सुझाव देने कहा ताकि अभियान में रोचक गतिविधियों को जोड़ा जा सके। कार्यशाला को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के संचालक श्री जितेन्द्र शुक्ला ने सम्बोधित करते हुए कहा कि अभियान को सफल बनाने के लिए पूरा प्रयास करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.