परीक्षा के प्रश्नों के लिए गुरुजी खोजते रहे नेटवर्क,और पीछे घूमती रही बच्चो की रेल…..गुरुजी-मैडम मोबाइल में नेटवर्क न होने से हलाकान, बच्चे और पालक परीक्षा की नई पद्धति से हैरान

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परीक्षा के प्रश्नों के लिए गुरुजी खोजते रहे नेटवर्क,और पीछे घूमती रही बच्चो की रेल

*जमीनी जानकारी से बेखबर अफसर,बनाते हैं उटपटांग योजनाएं जो धरातल पर हो जाती है बुरी तरह फेल सर्वर और नेटवर्क की समस्या से निजात पाये बगैर एप के जरिये ऑनलाइन परीक्षा लेना अव्यवहारिक और अदूरदर्शिता पूर्ण फैसला:शिक्षकों के निजी मोबाइल और डेटा का हो रहा है सरकारी उपयोग,प्रतिमाह शिक्षकों को दिया जाए मोबाइल भत्ता-वीरेंद्र दुबे*कक्षा पहली-दूसरी के बच्चों की online परीक्षा लेने का विभाग ने सुनाया फरमान

गुरुजी-मैडम मोबाइल में नेटवर्क न होने से हलाकान, बच्चे और पालक परीक्षा की नई पद्धति से हैरान*

आज प्रदेश में सर्वाधिक चर्चा का विषय बनी शिक्षा विभाग द्वारा SLA के तहत teamsT एप के जरिये प्राथमिक के कक्षा पहिली और दूसरी के बच्चो का online परीक्षा का फरमान और उसको तामील करते सर्वर डाउन और नेटवर्क न होने से हलाकान शिक्षकों द्वारा छतों व पेड़ो पर चढ़ कर,गांव में नेटवर्क खोजते घूमना और अपने शिक्षकों को इस तरह नेटवर्क ढूंढते पालक और बच्चे सभी हैरान थे। प्रदेश में आये दिन सर्वर डाउन की शिकायत मिलती है। आज भी गांवों में मोबाइल का नेटवर्क नही मिलता ऐसे में पूरे प्रदेश के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में ऑनलाइन परीक्षा लेने के इस फरमान की चौतरफा आलोचना हो रही है वैसे भी छोटे बच्चों के लिए प्रश्न पेपर उत्तर पुस्तिका सहित परीक्षा लेना ही उचित होता है।

*शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे* ने आज के घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि-
*TeamsT एप के जरिये कक्षा पहली और दूसरी के बच्चो की online परीक्षा लेने का निर्णय बिल्कुल अव्यवहारिक और अदूरदर्शिता पूर्ण निर्णय है। छोटी-छोटी बात पर सर्वर फेल होना,दूरस्थ अंचलों पर मोबाइल नेटवर्क का न होना,ऊपर से सीधा एप के जरिये ही online तत्काल बच्चों से प्रश्न पूछना यह दर्शाता है कि जिन टेबलों में इस तरह की योजनाएं बनती है उन्हें जमीनी जानकारियों का अभाव है। परीक्षा के लिए हमेशा प्रश्न पत्रों की व्यवस्था की जानी चाहिए। केवल प्रश्नों का pdf भेज कर कार्यालय अपनी जिम्मेदारियो को पूर्ण न समझे अपितु प्रत्येक बच्चो के लिए प्रश्न पेपर की व्यवस्था सुनिश्चित करे, अथवा पहले अपने वेवसाइट,एप,सर्वर,नेटवर्क आदि की समस्याओं को पहले दूर करे फिर ऑनलाइन परीक्षा ले। अभी आयोजित परीक्षा व स्कूल के तमाम ऑनलाइन कार्यो के लिए शिक्षक के निजी मोबाइल और डेटा का उपयोग हो रहा है,इसलिए समस्त शिक्षकों को प्रतिमाह मोबाइल एलाउंस (भत्ता) शिक्षा विभाग प्रदान करे।

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