पंचायत विभाग में संतान पालना क्या गुनाह है? पंचायत विभाग में कार्यरत शिक्षाकर्मियों को संतान पालन अवकाश की पात्रता नहीं संबंधी आदेश जारी होने पर शिक्षाकर्मियों ने जताया कड़ा ऐतराज

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रायपुर 19 सितंबर 2019।पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के उप सचिव द्वारा पंचायत विभाग में कार्यरत शिक्षाकर्मियों को संतान पालन अवकाश की पात्रता नहीं होने संबंधी आदेश जारी करने के बाद इसका चौतरफा विरोध शुरू हो गया है ।शिक्षाकर्मियों का कहना है कि पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा कई समाज कल्याण संबंधी कार्य किए जाते हैं,किंतु महिला शिक्षा कर्मियों को मिलने वाली संतान पालन के अवकाश की पात्रता नहीं होने संबंधी आदेश जारी कर सामाजिक कल्याण की भावना के विपरीत कार्य किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शर्मा ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि क्या पंचायत विभाग में कार्यरत शिक्षाकर्मियों को संतान पालन करने का अधिकार नहीं है? क्या हम अन्य साथी कर्मियों के भांति अपने विद्यालय में कार्य नहीं करते? जब पंचायत विभाग में रहकर सभी प्रकार के शासकीय कामों को अन्य कर्मचारियों की भांति संपन्न करते हैं तो ऐसे में संतान पालन अवकाश की पात्रता से वंचित किया जाना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। श्री शर्मा ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव से मांग किया गया है कि इस आदेश को तुरंत निरस्त करते हुए पंचायत विभाग में कार्यरत समस्त महिला शिक्षाकर्मियों को संतान पालन की अवकाश की पात्रता संबंधी आदेश जारी किया जाए। शिक्षाकर्मियों ने कहा कि जब अब प्राइवेट सेक्टर में भी कई जगह इस अवकाश का लाभ दिया जाने लगा है। तो ऐसे में पंचायत विभाग के कर्मचारियों को संतान पालन के अवकाश का लाभ नहीं देना भेदभाव पूर्ण है।

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