छत्तीसगढ़ के इस शिक्षक ने राष्ट्रीय स्तर पर किया प्रदेश का नाम रोशन…शून्य निवेश नवाचार हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार से हुए सम्मानित

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राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित शून्य निवेश नवाचार राष्ट्रीय पुरस्कार हेतु पर्यावरण के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए मुंगेली जिले के लोरमी ब्लॉक के बिठलदह संकुल में पदस्थ संकुल समन्वयक शरद डड़सेना को चयनित किया गया है। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि श्री डड़सेना के द्वारा पर्यावरण की रक्षा हेतु विभिन्न प्रयास किया जाता रहा है इनके द्वारा इस प्रयास को सफल बनाने के लिए सामुदायिक सहभागिता को भी जोड़ा गया। श्री शरद कुमार डड़सेना के द्वारा हरियाली क्लब योजना के अंतर्गत शून्य निवेश नवाचार हेतु आइडिया भेजा गया था। इस योजना को राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार करते हुए लागू करने हेतु प्रस्ताव पारित किया जा रहा है। यहां यह बताना भी लाजमी है कि श्रीधर से ना इससे पूर्व में सिमगा ब्लॉक के रोहरा स्कूल में पदस्थ थे जहां उन्होंने इस योजना की शुरुआत की थी। इसके बाद लोरमी ब्लाक के बिठलदह संकुल में इन्होंने इस योजना को लागू करने का सफल प्रयास किया। साथ ही साथ उन्होंने लोरमी क्षेत्र के विभिन्न कार्यों में सामुदायिक सभा के लिए विशेष सहयोग प्रदान किया। मुक्तिधाम स्वच्छता टीम के साथ पौधरोपण के क्षेत्र में इनका विशेष योगदान रहा। शून्य निवेश नवाचार के क्षेत्र में इनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए अरविंदो सोसायटी -नई दिल्ली के द्वारा केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश चंद्र पोखरियाल “निशंक” जी के द्वारा सम्मानित किया जाएगा। गौरतलब है कि इस राष्ट्रीय टीचर इनोवेशन अवार्ड हेतु पूरे देश से लगभग 3लाख शिक्षकों ने अपना आइडिया शेयर किया था। इन सभी का विश्लेषण व अध्ययन करने के बाद पूरे भारतवर्ष में 61 शिक्षकों को यह सम्मान दिया जा गया। छत्तीसगढ़ से इस सम्मान के लिए कुल 3 शिक्षकों का चयन हुआ है, जिनमें मुंगेली जिले से शरद डड़सेना, संकुल समन्वयक बिठलदह का नाम भी शामिल है। इस सम्मान के बारे में जब श्री डड़सेना से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वास्तव में यह सम्मान पूरे बिलासपुर संभाग का सम्मान है, पर्यावरण की रक्षा हेतु हम कैसे प्रयास कर सकते हैं इसे स्तर पर लागू किया जाना चाहिए। मैंने हरियाली क्लब योजना के अंतर्गत विभिन्न शालाओं में इसकी कल्पना को सफलता दिलाने सफल प्रयास किया है। वास्तव में पर्यावरण की रक्षा हेतु यदि हम स्कूली बच्चों को जोड़कर प्रयास करें तो, उसका परिणाम मिलेगा। यह सम्मान पूरे प्रकृति प्रेमी व पर्यावरण के लिए है। जिन स्कूलों के बच्चों के द्वारा पर्यावरण के लिए विशेष प्रयास किया जा रहा है वास्तव में वे सभी इस सम्मान के भागीदार हैं।

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