कटनी. आज एक ऐसे प्रशासनिक अधिकारी के बारे में बताया जा रहा है जो कि बड़े पद या ने की कलेक्टर रहते हुए भी अपने बच्चे को प्रदेश के सरकारी आंगनवाड़ी स्कूल में एबीसीडी सीखने भेज रहे हैं। पैसा या रुतबा आने के साथ आमतौर पर लोग बच्चों की शुरुआत मंहगे और तामझाम वाले प्ले स्कूल से कराते हैं। ऐसे में कटनी कलेक्टर डॉ. पंकज जैन और उनकी आइएएस पत्नी ने मिसाल कायम की है। उनकी बेटी पंखुड़ी डेढ़ माह से कटनी के महाराणा प्रताप वार्ड की आंगनबाड़ी में पढऩे जाती है। शनिवार को आंगनबाड़ी में पंखुड़ी के साथ जो दूसरे बच्चे खेल-खेल में पढ़ाई कर रहे थे, उनमें विराट, साक्षी, वेद, श्रेया, रितिक, राजकुमार और नन्हू सहित अन्य बच्चे शामिल रहे। इन बच्चों के पिता कोई ऑटो चला रहे हैं तो कोई मजदूरी कर परिवार चला रहे हैं।
2012 बैच के आइएएस डॉ. पंकज जैन की पत्नी तनवी 2010 बैच की आइएएस हैं। वे भोपाल में एमपीएसइडीसी (मध्यप्रदेश इलेक्ट्रानिक डेवलपमेंट कार्पोरेशन) की डायरेक्टर हैं। कलेक्टर जैन का कहना है कि ‘जाहिर है हम पहल करेंगे, तो दूसरे भी सामने आएंगे। व्यवस्थाएं ज्यादा बेहतर होंगी।’
आइएएस दम्पती ने बेटे को भेजा आंगनबाड़ी
कटनी के जिला पंचायत सीइओ फे्रंक नोबेल ए और उनकी पत्नी अपर कलेक्टर आर. उमामहेश्वरी 2013 बैच के आइएएस हैं। इनका बेटा केविन भी दो माह से महाराणा प्रताप वार्ड स्थित आंगनबाड़ी जा रहा है। इस आइएएस दम्पती का कहना है कि ‘आंगनबाड़ी में अच्छी कार्यकर्ता व सहायिका हैं। उनका बच्चों को पढ़ाने का तरीका बेहतर है। हम अपने बच्चों को भेजेंगे तो आंगनबाड़ी और बेहतर होगा।’