क्रमोन्नति के लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने DPI से मांगा हाईकोर्ट के निर्णय के आधार पर मार्गदर्शन… क्या है हाईकोर्ट का इस पर निर्णय?क्या इसका फायदा प्रदेश भर में क्रमोन्नति के पात्र शिक्षको को मिलेगा या नही?

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रायपुर। शिक्षा कर्मियों के द्वारा अपने पूर्व के सेवा अवधि को आधार मानकर क्रमोन्नति वेतनमान की गणना करने का मांग लगातार किया जा रहा है। इस बीच माननीय हाई कोर्ट के द्वारा भी समय-समय पर शिक्षाकर्मियों को क्रमोन्नति वेतनमान के संबंध में निर्णय दिए गए हैं। ऐसे ही एक याचिका के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी सरगुजा ने संचालक लोक शिक्षण रायपुर से मार्गदर्शन के लिए पत्र लिखा है। अब सवाल यहां पर यह उठता है कि क्या हाई कोर्ट के याचिका क्रमांक 1101/ 2019 में क्रमोन्नति प्रदान करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। हमारे कानूनी एक्सपर्ट के अनुसार उक्त याचिका में क्रमोन्नति के लिए स्पष्ट निर्देश कोर्ट के द्वारा नहीं दिया गया है, हां लेकिन यह जरूर कहा गया है कि याचिकाकर्ता अपना अभ्यावेदन जिला शिक्षा अधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के समक्ष प्रस्तुत करें और उन्हें 90 दिन के भीतर नियमानुसार इस पर निर्णय लेने का निर्देश दिया गया है इस आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी ने मार्गदर्शन पत्र लिखा है अब इस आधार पर कहा जा सकता है कि शासन से इस पर मार्गदर्शन आने के पश्चात ही इस पर आगे का क्रियान्वयन हो सकेगा लेकिन यदि संचालक लोक शिक्षण से इस पर मार्गदर्शन प्राप्त होता है तो यह पूरे प्रदेश भर के लिए प्रभाव शील होगा और क्रमोन्नति वेतनमान के लिए पात्रता रखने वाले शिक्षक संवर्ग को इसका लाभ मिल सकेगा वर्तमान में शिक्षक एलबी संवर्ग के द्वारा मांग किया जा रहा है कि शिक्षा सचिव के आदेशानुसार एवं वित्त विभाग के नियम के अनुसार  में शिक्षाकर्मी के रूप में किए गए सेवा की गणना समयमान /क्रमोन्नति वेतनमान के लिए करते हुए शिक्षक एलबी को इसका लाभ शीघ्र प्रदान किया जाए। इसके आधार पर ही प्रदेश के कई जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों के द्वारा क्रमोन्नति वेतनमान की प्रक्रिया के लिए कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

माननीय हाईकोर्ट का निर्णय जिस पर मार्गदर्शन मांगा गया है।

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