शिक्षक ने मांगा वेतन तो जिलाधीश ने भेज दिया जेल, संघ करता है कड़े शब्दों में निंदा….अपने अधिकारी से वेतन की मांग करना अपराध नही सुरेंद्र जायसवाल को तत्काल किया जाए रिहा :- वीरेंद्र दुबे…सभी कार्यवाही की जाए शून्य, शिक्षकों का अपमान असहनीय

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रायपुर। जिला कलेक्टर कोरिया ने शिक्षक सुरेंद्र जायसवाल द्वारा अपने जायज मांग *लंबित वेतन मांगने* पर उन्हें निलम्बित कर दिया गया , साथ ही बिना किसी अपराध के जेल में डाल कर दिया गया.
कोई जिलाधीश कैसे अपने अधिकार का ऐसे दुरुपयोग कर सकता है !! यह गंभीर मामला है..
यदि कोई शिक्षक अपने वेतन नही मिलने की जानकारी अपने जिलाधीश को देता है तो तुरन्त वेतन प्रदान करने के निर्देश सक्षम अधिकारी को देने के बजाय
उस शिक्षक को ही निलंबित कर दिया गया जो पहले से आर्थिक, सामाजिक कष्ट को झेल रहा था। निलबंन के साथ ही जेल में डाल देना यह कहाँ की न्याय व्यवस्था है ?? शालेय शिक्षाकर्मी संघ ऐसी कार्यवाही का कड़े शब्दों में निंदा करता है
चूंकि वर्तमान समय मे प्रदेश के सभी कर्मचारी चुनाव आयोग में प्रतिनियुक्ति में है इसलिए शालेय शिक्षाकर्मी संघ प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी श्री सुब्रत साहू जी से जल्द ही भेंट कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाएगा, साथ ही हमारे निलंबित साथी के ऊपर की गई कार्यवाही को निशर्त वापस लेने के लिए उनसे निवेदन किया जाएगा, साथ ही चुनाव पूर्व लंबित वेतन का भुगतान करवाने की व्यवस्था की जाए ऐसी पहल हो इसका मांग किया जाएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को सारी वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाएगा।
शालेय शिक्षाकर्मी संघ कोरिया के जिला पदाधिकारी पीड़ित शिक्षक साथी को न्याय दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत है.. शालेय शिक्षाकर्मी संघ सुरेंद्र जायसवाल जी का पूरा समर्थन करती है।
यदि जल्द ही इस मामले का पटाक्षेप नही किया गया तो प्रदेश के सभी शिक्षक संगठन मिलकर आगे की रणनीति बनाने के लिए मजबूर होंगे।

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