रायपुर/राजनांदगांव। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विधानसभा में वित्त मंत्री के रूप में अपनी सरकार का पहला बजट 8 फरवरी को प्रस्तुत करने वाले हैं। जानकारों की माने तो कांग्रेस सरकार का यह पहला बजट काफी हद तक जनघोषणा पत्र पर केन्द्रित हो सकता है। इसी घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिए आज के केबिनेट बैठक में किसान,मजदूर,शिक्षाकर्मी से लेकर सबकी निगाहें टिकी थी,जिसमे चिटफंड एजेंटों के मामले लिए जाएंगे वापिस, जिला सहकारी बैंक का अपेक्स बैंक में नहीं होगा विलय,आ सकता है फ़ूड फॉर ऑल…..बिजली बिल दर हाफ का प्रस्ताव भी आदि।
आज के इस बजट पूर्व हुए केबिनेट बैठक में शिक्षाकर्मी के मांगो के संबंध में किसी प्रकार की चर्चा नही की गई जिसे लेकर सरकार के प्रति नाराजगी देखी जा रही है।विदित हो कि वित्त विभाग ने बजट की तैयारियों के लिए कुछ समय पूर्व ही मंत्री स्तरीय पर चर्चा पूरी करवा चुका है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में विभागों के बजट प्रस्ताव पर चर्चा हो चुकी है। हाल ही में सभी शासकीय विभागों के प्रमुखों ने मंत्रालय में आयोजित इस बैठक में अपने-अपने विभाग के बजट को प्रस्तुत कर दिया था। पर आज सभी शिक्षक कैबिनेट में मांगो के संबंध में फैसले नही लिए जाने पर नाराजगी जताई है। देवेंद्र साहू,मीडिया प्रभारी छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ जिला राजनांदगांव ने कहा कि कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस पार्टी सरकार ने अपने संकल्प पत्र में शिक्षाकर्मियों के हितों का ध्यान रखने का वादा किया था,जिसे अविलंब पूरी की जाये।