नई दिल्ली। नौकरीपेशा लोगों के लिए यह खबर किसी खुशखबरी से कम नहीं है। मोदी सरकार के श्रम विधेयक को राज्यसभा में मंजूरी मिल गई है। इस बिल के पास होने के बाद अब नौकरी करने वाले लोगों को ग्रेच्युटी के लिए पांच साल का इंतजार नहीं करना होगा। इस बिल के पास होने के बाद देश के संगठित और असंगठिक दोनों प्रकार के श्रमिकों को लाभ मिलेगा। वहीं अब लोगों को ग्रेच्युटी लेने के लिए 5 साल के बजाए सिर्फ 1 साल का इंतजार करना होगा।
ग्रेच्युटी के लिए नहीं करना होगा पांच साल का इंतजार
मोदी सरकार ने श्रम सुधार विधेयक को राज्यसभा में भी पास करवा लिया है। इस विधेयक के बाद से ग्रेज्युटी के नियमों में बदलाव होगा। अब ग्रेच्युटी का लाभ पाने के लिए कर्मचारियों को पांच का इंतजार नहीं करना होगा, बल्कि नए प्रावधानों के तहत अब एक साल पर भी ग्रेज्युटी का लाभ मिलेगा। नए लेबर कोड के तहत अब एक साल की नौकरी पूरी करके छोड़ने पर कर्मचारी को उसी अनुपात में ग्रेज्युटी मिलेगी। वर्तमान नियम के मुताबिक कर्मचारी को पांच साल की नौकरी पूरी करने पर हर साल 15 दिन की सैलरी के हिसाब से ग्रेच्युटी मिलती है।
राज्यसभा में पास हुए तीन लेबर कोड बिल
आपको बता दें कि बुदवार को राज्यसभा में तीन लेबर कोड बिलों (Labour Code Bills) पास हो गए। राज्यसभा में ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन बिल- 2020 के साथ-साथ इंडस्ट्रियल रिलेशन बिल- 2020 और सोशल सिक्योरिटी बिल- 2020 पास कर दिया गया। श्रम कानून के तहत सोशल सिक्योरिटी बिल के चैप्टर 5 में ग्रेच्युटी का उल्लेख किया है, जिसके तहत फिक्स्ड टर्म वाले कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी कीा शर्तों में पांच साल की समयसीमा में बदलाव कर दिया गया है।
कैसे कैलकुलेट होती है ग्रेज्युटी की रकम
कुल ग्रेच्युटी की रकम = (अंतिम सैलरी) x (15/26) x (कंपनी में कितने साल काम किया).
उदाहरण से समझिए
मान लीजिए कि अमित ने 7 साल एक ही कंपनी में काम किया. अमित की अंतिम सैलरी 35000 रुपये (बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता मिलाकर) है. तो कैलकुलेशन कुछ इस प्रकार होगा— (35000) x (15/26) x (7)= 1,41,346 रुपये
मतलब ये कि अमित को 1,41,346 रुपये का भुगतान कर दिया जाएगा.