छ.ग.टीचर्स एसोसिएशन सक्ती के द्वारा वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने के आदेश को वापस लेने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा…शैक्षणिक जिला संघ की ओर से डीईओ व ब्लॉक संघ की ओर से एसडीएम सक्ती को दिया गया ज्ञापन.

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छ.ग.टीचर्स एसोसिएशन सक्ती के द्वारा वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने के आदेश को वापस लेने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा…शैक्षणिक जिला संघ की ओर से डीईओ व ब्लॉक संघ की ओर से एसडीएम सक्ती को दिया गया ज्ञापन… 
सक्ती 03 जून 2020 :- छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा के निर्देशानुसार सभी जिला व ब्लॉकों में ज्ञापन दिया जा रहा है जिसके तहत ज्ञापन कार्यक्रम में प्रदेश संगठन सचिव विकास तिवारी,शैक्षणिक जिला- सक्ती के जिलाध्यक्ष बृजभूषण सिंह बनाफर,जिला सचिव शैलेश देवांगन,जिला संयोजक महेन्द्र प्रताप सिंह राठौर, महिला प्रकोष्ठ के जिला प्रभारी श्रीमती रानी दुबे,ब्लॉक प्रभारी श्रीमती मीना मरावी,जैजैपुर के अध्यक्ष लोचन प्रसाद चन्द्रा,सक्ती के अध्यक्ष महेन्द्र कुमार राठौर सहित पदाधिकारियों के प्रतिनिधि मण्डल ने कर्मचारियों को वर्ष में एक बार मिलने वाले वार्षिक वेतन वृद्धि पर वित्त विभाग द्वारा मितव्ययता के नाम पर रोक लगाने के आदेश को कर्मचारी विरोधी व उनके हितों पर कुठाराघात करने वाला आदेश करार देते हुए इसे त्वरित रूप से वापस लेने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव,अपर मुख्य सचिव वित्त विभाग,सचिव सामान्य प्रशासन विभाग के नाम से सहायक जिला शिक्षा अधिकारी राकेश अग्रवाल एवं ब्लॉक शाखा- सक्ती की ओर से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) डॉ.सुभाष सिंह राज को दिनांक 3 जून को ज्ञापन सौंपा गया। जिस पर अधिकारीयों के द्वारा संघ को आश्वस्त किया गया कि आवश्यक कार्यवाही हेतु उच्च कार्यालय को प्रेषित किया जावेगा।
सौंपे गए ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि छ.ग.शासन वित्त विभाग की ओर से 27 मई 2020 को जारी पत्र में समस्त शासकीय कर्मचारियों को 1 जुलाई 2020 व 1 जनवरी 2021 को मिलने वाले इन्क्रीमेंट पर रोक लगाने के संबंध में आदेश जारी किया गया है। वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण काल में सरकार के सहयोग हेतु कर्मचारियों ने अपना 1 दिन का वेतन व समर्पित होकर अपने दायित्यों का निर्वहन करते हुए सेवाएं दे रहे हैं, इसके बावजूद कर्मचारियों को वर्ष में एक बार मिलने वाले वार्षिक वेतन वृद्धि को रोके जाने से कर्मचारीयों के मन में हताशा व कार्यक्षमता में अवरोध उत्पन्न होगा। कर्मचारियों के वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक कोई भी प्रतिकूल आरोप साबित होने पर दंड स्वरूप में रोका जाता है जबकि छत्तीसगढ़ शासन के सभी विभाग के कर्मचारी इस विषम परिस्थिति के दौर में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, फिर इन्क्रीमेंट रोककर कर्मचारियों को किस बात का दंड दिया जा रहा है यह समझ से परे है।
1 जुलाई 2019 व 1 जनवरी 2020 से मिलने वाला महंगाई भत्ते का दो किश्त लंबित है, जिससे हर महीने कम वेतन मिल रहा है और अब वर्ष में एक बार मिलने वाला इंक्रीमेंट को भी रोक दिया गया है। इससे वेतन स्थायी हो गया है, महंगाई और मंदी के इस दौर में परिवार का आर्थिक सम्बल कमजोर होगा।
कोविड-19 के संक्रमण के रक्षण के लिए देश व्यापी लॉक डाउन के कारण प्रतिकूल प्रभाव का हवाला देते हुए राजस्व प्राप्ति की भरपाई कर्मचारियों के वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगाकर किया जाना न्याय संगत नहीं हो सकता। सरकार के पास राजस्व प्राप्ति के अन्य माध्यम भी हैं जिसका उपयोग किया जाना चाहिए।
ज्ञापन कार्यक्रम में विकास तिवारी, बृजभूषण सिंह बनाफर, शैलेश कुमार देवांगन, महेन्द्र प्रताप सिंह राठौर, महेन्द्र कुमार राठौर, लोचन प्रसाद चन्द्रा, श्रीमती रानी दुबे,श्रीमती मीना मरावी, लितेन दुबे,संजय राठौर,मदनमोहन जायसवाल, यशवंत सिंह राठौर,प्रकाश चन्द्र राठौर, साहिल सिंह,प्रशांत नेताम,वीरेन्द्र कुर्रे शामिल हुए।

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