“कोरेण्टाइन सेंटर में ड्यूटी के नाम पर शिक्षकों की प्रताड़ना बंद हो वर्ना करेंगे जमकर विरोध…..निलंबन आदेश मूलतः रदद्दा नहीं होने पर जिम्मेदारअधिकारियों के खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल करेंगे याचिका – फेडरेशन”
रायपुर । सहायक शिक्षिका करिश्मा केरकट्टा के निलंबन से छत्तीसगढ़ प्राथमिक शिक्षक फेडरेशन आगबबूला हो उठा है संघ के प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू ने इस मामले में अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए वेब न्यूज चैनल संघर्ष मोर्चा डाट काम से कहा है कि यदि तीन दिवस के भीतर जशपुर जिले के सहायक शिक्षिका करिश्मा केरकेट्टा का निलंबन मुलतः रद्द नहीं हुआ तो इसके खिलाफ संघ बड़ा एक्शन लेगा, इसके खिलाफ सड़क की लड़ाई लड़ी जाएगी। सम्बंधित डीईओ जशपुर व बीईओ बगीचा के खिलाफ इसके लिए हाईकोर्ट बिलासपुर में याचिका लगाया जाएगा।
प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू ने आगे जारी बयान में कहा कि ऐसे भी माननीय सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली के एक आदेशानुसार देश के किसी भी शिक्षको को मतदान, मतगणना व जनगणना के अलाव किसी भी अन्य कार्यो में ड्यूटी नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने बीईओ बगीचा व डीईओ जशपुर द्वारा एक शिक्षिका के निलंबन पर सवाल उठाया कि आखिर प्रशासन के किस नियम के तहत शिक्षकों की ड्यूटी कोरेनटाइन सेंटरों में लगाई गई है।
ऐसे भी इस वैश्विक आपदा कोरोना महामारी में प्रदेश के शिक्षकों ने जमकर आर्थिक सहयोग किया है। सभी ने राज्य सरकार को यथासंभव सहयोग देते हुए मुख्यमंत्री राहत कोष में अपने एक दिन का वेतन दिया है। कोरोना संक्रमण के बीच स्कूलों में जाकर स्कूली बच्चों को चांवल वितरण किया है साथ ही सारा विभागीय कार्य किया जा रहा है। ग्रीष्मावकाश में भी ऑनलाइन क्लास चलाई जा रही है जिसमे शिक्षक पूरे शिद्दत से लगे हुए है।
ऐसे में राज्य के सभी जिलों व ब्लाकों में जिन जगह व भवनों को कोरेनटाइन सेंटर बनाया गया है वँहा पर गांव के सरपंच, पंच, ग्राम पटेल, कोटवार, पंचायत सचिव व रोजगार सहायक सहित पूरे गांव के ग्रामीण भाई-बहनों द्वारा दिन रात प्रवासी मजबूर साथियों का देखरेख कर प्रशासन का सहयोग किया जा रहा है।
ऐसे स्थिति में कोरेनटाइन सेंटरों में ड्यूटी के नाम पर शिक्षकों को जबर्दस्ती प्रताड़ित करना, बेवजह निलंबित करना ठीक नहीं है वर्ना संगठन ऐसे सारे मामलों में न सिर्फ सड़क की लड़ाई लड़ेगा बल्कि ऐसे अधिकारीयो को कोर्ट में घसीटेंगे जो शिक्षकों को बेवजह प्रताडित करेंगे। यदि तीन दिवस के भीतर महिला शिक्षिका का निलंबन मुलतः रद्द नहीं हुआ तो फेडरेशन द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर डीईओ जशपुर को तत्काल हटाने की मांग की जाएगी।