रायपुर। फेडरेशन प्रमुख मनीष मिश्रा ने जारी बयान में बताया कि आज प्रदेश भर में छ ग सहायक शिक्षक फेडरेशन ने अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर जबरदस्त माहौल के साथ विधायको को मांग पत्र सौपा गया।
प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने बताया कि संविलियन के दौरान निर्धारित किये गए वेतन में सहायक शिक्षको के वेतन में बड़ी वेतन विसंगति निर्मित हुई है छ ग सहायक शिक्षक फेडरेशन वर्ष 2018 से अपनी इसी वेतन विसंगति के निदान के लिए संघर्ष कर रहा है परंतु सरकार सहायक शिक्षको के दर्द को समझने के लिए तैयार नही है जबकि अपनी सेवा पंचायत विभाग में 20 वर्ष देने के बाद भी सहायक शिक्षको के वेतन की गणना निम्नस्तर के वेतनमान में की गई जिसके परिणाम स्वरूप सहायक शिक्षको के वेतन में बड़ी विसंगति उपजी
वर्तमान में 23 साल की सेवा पूर्ण करने के बाद भी आज नियुक्त होने वाले सहायक शिक्षक के बराबर ही वेतन मिल रहा है ऐसे में 23 साल की सेवा का कोई महत्व ही नही रहा।
पंचायत विभाग ने समय पर सहायक शिक्षको को पदोन्नति नही दी और न ही क्रमोन्नति वेतन प्रदान किया जबकि पदोन्नति पाने वाले 1998 में नियुक्त सहायक शिक्षक वर्तमान में व्यख्याता पद पर संविलियन प्राप्त किये है।मनीष मिश्रा ने कहा कि पदोन्नति से वंचित करना और क्रमोन्नति वेतन का लाभ नही मिल पाना ही वेतन विसंगति का कारण बना।
मनीष मिश्रा ने आगे कहा कि संविलियन से पूर्व एक कमेटी बनी थी श्री टी के साहू संचालक के नेतृत्व में जिनके द्वारा सरकारी खर्च पर राजस्थान और मध्यप्रदेश में जाकर संविलियन के तरीकों का अवलोकन कर रिपोर्ट बनाई गई थी उस कमेटी की रिपोर्ट को सर्वाजनिक किया जाना था क्योंकि इन दोनों पड़ोसी राज्यो में सहायक शिक्षको के वेतन में विसंगति नही है परंतु छ ग में सहायक शिक्षको के साथ कुठाराघात किया गया है।
हमने अपनी पीड़ा से माननीय विधायको को अवगत कराया है और हमे विस्वास है कि हमारे जन प्रतिनिधि हमारी समस्या को समझने का प्रयास करेंगे साथ ही हमारी 23 साल की सेवा का वाज़िब हक हमे दिलाने में सेतु का कार्य करेगे।
मनीष मिश्रा ने कहा कि हमारी समस्याओ पर अगर पहल नही गई तो फेडरेशन आगामी दिनों विधानसभा का घेराव करेगा।