चिंता पेशन की,,,पुरानी पेंशन बहाली की मांग पकड़ने लगी है जोर,,,शिक्षक संघ ने किया पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग,,,सभी कर्मचारी संवर्ग को नए पेंशन योजना के स्थान पर पुराने पेंशन योजना का लाभ देने की सभी तरफ से उठने लगी है मांग

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बालोद--छत्तीसगढ मे अब पुरानी पेंशन बहाली की मांग सभी कर्मचारी संवर्गो मे जोर पकड़ने लगी है ।सेवानिवृत्ति के बाद अपने सुरक्षित भविष्य को लेकर देश भर में चलाये जा रहे अभियान के तहत् छत्तीसगढ़ में भी पुरानी पेंशन बहाली की मांग तेज हो गई है। छ ग पं न नि शिक्षक संघ बालोद के जिलाध्यक्ष दिलीप साहू एवं प्रांतीय सहसचिव प्रदीप साहू ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली सरकार के जन घोषणा पत्र मे भी शामिल है ।संघ पदाधिकारियो ने 2004 के बाद व 2004 के पहले नियुक्त शिक्षक पंचायत व एल बी संवर्गो के शिक्षको के साथ प्रदेश भर के CPS योजना अंतर्गत कार्यरत अन्य सभी विभाग के कर्मचारियो को पुरानी पेंशन का लाभ दिलाने के लिए अब हर स्तर पर संगठित होकर व्यापक रणनीति पर कार्य करने की बात कही है ।नई पेंशन योजना में कई तरह की खामियां हैं । पहले शेयर बाजार में पेंशन फंड का पैसा नहीं लगाया जाता था। अब नयी योजना के तहत अंशदायी पेंशन योजना को शेयर मार्केट के साथ जोड़ दिया गया है।शेयर मार्केट में अगर गिरावट आई तो कर्मचारियों को नुकसान होना शुरू हो जाएगा। इसमें सुरक्षा का भी कोई प्रावधान नहीं है।साथ ही फण्डमैनेजर की नियुक्ति सहित अन्य खर्चे भी कर्मचारियों के हिस्से से ही जाएगा। केवल शिक्षा विभाग ही नही बल्कि अन्य सभी कर्मचारी संवर्ग मे भी पुरानी पेंशन बहाली की मांग जोर पकड़ने लगी है ।

*नये और पुराने पेंशन योजना में है यह अंतर–*

1-पुरानी पेंशन पाने वालों के लिए GPF सुविधा उपलब्ध है जबकि नयी पेंशन योजना में GPF सुविधा नहीं है ।
2-पुरानी पेंशन के लिए यह सुविधा है कि जब चाहो जितनी जमा करेा जब चाहो जितनी निकालो , जबकि नयी पेंशन योजना में वेतन से प्रति माह 10%की कटौती निर्धारित है और निकालने का सेवानिवृत्ति उपरांत ही ।
3-पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेन्ट के समय एक निश्चित पेंशन( अन्तिम वेतन का 50%) की गारेण्टी है जबकि नयी पेंशन योजना में पेंशन कितनी मिलेगी यह निश्चित नहीं है यह पूरी तरह शेयर मार्केट व बीमा कम्पनी पर निर्भर है ।
4-पुरानी पेंशन सरकार देती है जबकि नयी पेंशन बीमा कम्पनी देगी । यदि कोई समस्या आती है तो हमे सरकार से नहीं बल्कि बीमा कम्पनी से लडना पडेगा ।
5-पुरानी पेंशन पाने वालों के लिए रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी( अन्तिम वेतन के अनुसार 16.5 माह का वेतन) मिलता है जबकि नयी पेंशन वालों के लिये ग्रेच्युटी की कोई व्यवस्था नहीं है ।
6-पुरानी पेंशन वालों को सेवाकाल में मृत्यु पर डेथ ग्रेच्युटी मिलती है जो 7पे कमीशन ने 10 लाख से बढाकर 20 लाख कर दिया है जबकि नयी पेंशन वालों के लिए डेथ ग्रेच्युटी की सुविधा समाप्त कर दी गयी है ।
7-पुरानी पेंशन में आने वाले लोंगों को सेवाकाल में मृत्यु होने पर उनके परिवार को पारिवारिक पेंशन मिलती है जबकि नयी पेंशन योजना में पारिवारिक पेंशन को समाप्त कर दिया गया है ।
8-पुरानी पेंशन पाने वालों को हर छ: माह बाद महँगाई तथा वेतन आयोगों का लाभ भी मिलता है जबकि नई पेंशन में फिक्स पेंशन मिलेगी, महँगाई या वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा यह हमारे समझ से सबसे बडी हानि है ।
9-पुरानी पेंशन योजना वालों के लिए जी0 पी0 एफ0 से आसानी से लोन लेने की सुविधा है जबकि नयी पेंशन योजना में लोन की कोई सुविधा नही है( विशेष परिस्थिति में कठिन प्रक्रिया है केवल तीन बार वह भी रिफण्डेबल) ।
10-पुरानी पेंशन योजना में जी0 पी0 एफ0 निकासी( रिटायरमेंट के समय) पर कोई आयकर नहीं देना पडता है जबकि नयी पेंशन योजना में जब रिटायरमेंट पर जो जो अंशदान का 60%वापस मिलेगा उसपर आयकर लगेगा
11-जी 0पी0एफ0पर ब्याज दर निश्चित है जबकि एन0 पी0 एस0 पूरी तरह शेयर पर आधारित है।
जिला संघ की ओर से जिलाध्यक्ष दिलीप साहू,प्रांतीय सहसचिव प्रदीप साहू, जिला उपाध्यक्ष रामकिशोर खरांशु,कामता साहू,वीरेंद्र देवांगन, माधव साहू,लालमणि साहू,जिला सचिव रघुनंदन गंगबोईर सहित ललिता यादव, नीता बघेल, शिव शांडिल्य, लेखराम साहू,संतोष देवांगन, पवन कुम्भकार,रिखी ध्रुव,शेषलाल साहू,तुकाराम साहू जगत साहू,शिवेन्द्र बहादुर साहू,गजेंद्र रावटे, महेंद्र टांडिया,बीरबल देशमुख,राजेंद्र देशमुख,सूरज गोपाल गंगबेर,अंजुलता योगी,बसंती पिकेश्वर,मधुमाला कौशल, सुषमा पटेल,नरेंद्र साहू,हरीश साहू,विजय साहू,नीलेश देशमुख,कुलेश्वर ठाकुर,मिलन सिन्हा,विकास शर्मा,ईश्वर लाल लेंडिया,आनंद गहरवार,भुनेश्वर साहू,हल्लू राम सहारे,तीरध बडगंईया,संजय शुक्ला,गमनेश्वर तारम,सुरेश बंजारे,चंद्रशेखर तिवारी,हेमलाल सहारे,नितीन सोनबरसा एवं महिला मोर्चा व ब्लाक संगठन के सभी पदाधिकारियो ने राज्य सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग की है ।

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