विश्व में भाषाई व सांस्कृतिक विविधता व बहुभाषिता को बढ़ावा देने और विभिन्न मातृभाषाओ के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से हर साल 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर लोगों में इस दिवस को मनाने और इसके पीछे का इतिहास को समझाने किस तरह भाषाई आंदोलन में शहीद हुए युवाओं की स्मृति में युनेस्को ने पहली बार 1999 में 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस मनाने की घोषणा की थी दुनिया भर में मातृभाषा के सम्मान के लिए जागरुकता अभियान के लिए संदेश देने का प्रयास हो रहा है इसकी महत्ता को समझाने के लिए कहां गया है कि
“कोस कोस पर बदले पानी, चार कोस पर बानी”
शिक्षक कला एवं साहित्य अकादमी बिलासपुर के जिला सचिव जय कौशिक इस आनलाइन क्विज के प्रभारी है आनलाइन क्विज तैयार करते हुए कहते हैं कि इससे लोगों में मातृभाषा के सम्मान का भाव बढ़ेगा और लोग इस आनलाइन क्विज में भाग लेकर उत्कृष्ट प्रदर्शन करके प्रमाणपत्र भी प्राप्त करेंगे इस जागरूकता अभियान में विशेष सहयोग शिक्षक कला एवं साहित्य अकादमी के संस्थापक संयोजक डा.शिवनारायण देवांगन जी ‘आस’ जिनके मार्गदर्शन में आयोजन हो रहा है और आनलाइन कार्यक्रम प्रभारी दयाराम साहू जी, प्रांताध्यक्ष कौशलेंद्र पटेल जी का विशेष योगदान इस आनलाइन क्विज तैयार करने में प्राप्त हो रहा है जागरूकता के लिए कोरोना काल में इस तरह का अभियान लगातार किया जा रहा है और बच्चों में आनलाइन क्लास को रोचक बनाने इस तरह का आयोजन हर विशेष दिवस पर जयंती पर आयोजित किया जा रहा है बच्चों में आनलाइन क्विज और आनलाइन प्रमाणपत्र प्राप्त करने बहुत उत्साह रहता है